कृष्ण जन्माष्टमी: भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का सम्मान करना
Krishan Janmashtami 2024 कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है| भगवान विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो की श्रावण मास की अष्टमी को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह शुभ अवसर आमतौर पर हर वर्ष अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। 2024 में Krishan Janmashtami 26 अगस्त सोमवार को सारे देश (कुछ विदेशी देशो सहित) में बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा|
कृष्ण के जन्म की पौराणिक कथा:-
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म 5,000 साल पहले मथुरा में माता देवकी और पिता वासुदेव के घर विषम परिस्थितियों में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि देवकी के भाई, अत्याचारी राजा कंस (भगवान श्रीकृष्ण का मामा) को भविष्यवाणी की गई थी कि उसकी बहन देवकी से जन्मी आठवीं संतान उसका पतन करेगी। इस भविष्यवाणी को रोकने के लिए, कंस ने माता देवकी और पिता वासुदेव को कैद कर लिया, लेकिन कृष्ण का जन्म चमत्कारिक ढंग से हुआ और बाद में भगवान श्रीकृष्ण को वासुदेव ने बचा लिया, जो उफनती हुई यमुना नदी को पार करके कृष्ण को गोकुल में सुरक्षित ले गए।
Krishan Janmashtami Date तिथि 2024-2029
तारीख | दिन | त्योंहार |
26 अगस्त 2024 | सोमवार | कृष्ण जन्माष्टमी |
15 अगस्त 2025 | शुक्रवार | कृष्ण जन्माष्टमी |
4 सितम्बर 2026 | शुक्रवार | कृष्ण जन्माष्टमी |
25 अगस्त 2027 | बुधवार | कृष्ण जन्माष्टमी |
13 अगस्त 2028 | रविवार | कृष्ण जन्माष्टमी |
1 सितम्बर 2029 | शनिवार | कृष्ण जन्माष्टमी |
Krishan Janmashtami 2024 अनुष्ठान और परंपराएँ:-
कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव पूरे भारत में और दुनिया भर में हिंदू समुदायों के बीच जीवंत और विविध है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, इस दिन भक्त दिनभर में केवल एक बार ही पानी का सेवन करते हैं| यह व्रत भक्तो की परीक्षा का एक अनोखा पहलु हैं| दिनभर भक्ति गीत (भजन) गाये जाते हैं और कृष्ण के बचपन की कहानियाँ सुनाते हैं, विशेषकर ‘बाल गोपाल’ (बाल कृष्ण) के रूप में उनकी चंचल और शरारती हरकतों की। मंदिरों और घरों में, विस्तृत सजावट की जाती है, जिसमें अक्सर कृष्ण के पालने और उनके जीवन के दृश्यों को दर्शाया जाता है।
Krishan Janmashtami 2024 दही हांडी:-
जन्माष्टमी से जुड़ी सबसे रोमांचक परंपराओं में से एक ‘दही हांडी’ उत्सव है, जो महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय है। इसमें मक्खन या दही से भरे बर्तन को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाना शामिल है, जो एक बच्चे के रूप में कृष्ण के मक्खन के प्रति प्रेम और शरारती स्वभाव का प्रतीक है।
Krishan Janmashtami 2024 महत्व और शिक्षाएँ:-
भगवान कृष्ण का जीवन और शिक्षाएँ, विशेष रूप से भगवद गीता में वर्णित, धार्मिकता (धर्म), कर्तव्य और भक्ति (भक्ति) पर जोर देती हैं। जन्माष्टमी केवल कृष्ण के जन्म का उत्सव नहीं है, बल्कि इन शाश्वत शिक्षाओं और आज हमारे जीवन में उनकी प्रासंगिकता पर विचार करने का भी एक अवसर है।
Krishan Janmashtami 2024 में पूजा करने की विधि:-
जिस तरह से इस त्योहार का व्रत महत्वपूर्ण है उसी तरह ही इसकी पूजा विधि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाती हैं| क्योकि लड्डू गोपाल का जन्म ही कठिन परिस्थितियों में हुआ था तो इसकी सब तैयारीयां अपने आप में बहुत ज्यादा आकर्षक हो जाती हैं| इसलिए इस त्यौहार का अधिकतम लाभ लेने के लिये निचे दी गयी पूजा विधि के द्वारा करने की कोशिश करें|
- पूजा में शामिल होने के लिए सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपडे पहनें|
- दिन में साफ सफाई से पूजा की तैयारी करें|
- श्रीकृष्ण जी के मंदिर की गंगाजल से सफाई करने के बाद पालने को सजानें की तैयारी करें|
- मूर्ति को नये कपडे और फूलो से सजी माला पहनाये|
- रात्रि में पूजा की शुरुआत भजनों के साथ करें|
- पूजा करते समय पूजा सामग्री साथ रखें|
- पूजा करते समय सबसे पहले भगवान जी को जल अर्पित करें|
- जल अर्पित करने के बाद भगवान जी को पंचामृत से स्नान करायें| पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल)
- पांचो सामग्री को इक्कठा करके सभी को प्रसाद के रूप में वितरित करें|
- भगवान को जनेऊ पहनाएं और फिर चन्दन का लेप करें|
- मूर्ति को मुकुट, आभूषण, मोर पंख औरे बांसुरी से सजाएँ|
- भगवान को फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें| साथ ही धूपबती और तेल का दीपक जलायें|
- मक्खन और मिश्री का भोग लगायें|
- अंत में कुंज बिहारी की आरती गायें और मंदिर की परिक्रमा करके पूजा अर्चना को सम्पन्न करें|
- अपने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करें की वो आपकी और आपके परिवार की हर कठिन विप्पतियों में साथ दें|
FaQs?
Que. कृष्ण जन्माष्टमी 2024 में कब हैं?
Ans. कृष्ण जन्माष्टमी 2024 में 26 अगस्त सोमवार को मनाई जायेगी|
Que. कृष्ण जन्माष्टमी का मुहूर्त कब का हैं?
Ans. साल 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को है| इस दिन अष्टमी तिथि सुबह 3:39 बजे से शुरू होगी और 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे खत्म होगी| वहीं, रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को शाम 3:55 बजे से शुरू होगा और 27 अगस्त को सुबह 3:38 बजे खत्म होगा. मध्यरात्रि का क्षण 27 अगस्त को रात 12:28 बजे होगा और चंद्रोदय का समय रात 11:41 बजे होगा. निशिता पूजा का समय 27 अगस्त को रात 12:06 बजे से 12:51 बजे तक रहेगा|
Que. कृष्ण जन्माष्टमी कब है 6 या 7?
Ans. ऐसे में जो लोग रोहिणी नक्षत्र में पूजा-पाठ करेंगे, वह कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 26 अगस्त 2024, बुधवार के दिन रखेंगे। वहीं वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी 27 अगस्त 2024, गुरुवार के दिन कृष्ण जन्माष्टमी व्रत रखेंगे।
Que. क्या कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन दूध पी सकते हैं?
Ans. दूध और दही: दूध और दही जन्माष्टमी अनुष्ठानों का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। आप व्रत के दौरान ताजे फलों के शेक, लस्सी, छाछ या गुलाब के दूध का आनंद ले सकते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के लिए घर पर ही प्रसाद तैयार करें|
बहुत अच्छा
Nice
Nice keya baat hai